Khatu Shyam Chalisa | shyam chalisa
अध्यात्म के क्षेत्र में, कुछ ही भजन भक्तों को “खतु श्याम चालीसा” के रूप में परमात्मा से जोड़ने की मोहक शक्ति को धारण करते हैं यह कालातीत रचना भगवान श्रीकृष्ण के एक पूजनीय प्रकट भगवान खाटू श्याम जी के अनुयायियों के साथ गहराई से गूंजती है। आइए गहन Khatu Shyam Chalisa के भीतर निहित महत्व, छंद और भक्ति को गहराई से जानें।
चालिसा, संस्कृत शब्द “चालिसा” से व्युत्पन्न एक शब्द है, जिसका अर्थ है चालीसा, हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व रखता है। चालीसा ग्रंथ चालीस छंदों से बने होते हैं, प्रत्येक को एक विशिष्ट देवता का सम्मान और प्रशंसा करने के लिए सावधानीपूर्वक तैयार किया जाता है।
khatu shyam chalisa lyrics ( Shri Khatu Shyam Chalisa )
II दोहा II
श्री गुरु चरणन ध्यान धर,
सुमीर सच्चिदानंद।
श्याम चालीसा बणत है,
रच चौपाई छंद।I (१)
II चोपाई II
श्याम-श्याम भजि बारंबारा,
सहज ही हो भवसागर पारा। (१)
इन सम देव न दूजा कोई,
दिन दयालु न दाता होई।। (२)
भीम सुपुत्र अहिलावती जाया,
कही भीम का पौत्र कहलाया। (३)
यह सब कथा सही कल्पांतर,
तनिक न मानो इसमें अंतर।। (४)
बर्बरीक विष्णु अवतारा,
भक्तन हेतु मनुज तन धारा। (५)
बासुदेव देवकी प्यारे,
यसुमति मैया नंद दुलारे।। (६)
मधुसूदन गोपाल मुरारी,
वृजकिशोर गोवर्धन धारी। (७)
सियाराम श्री हरि गोबिंदा,
दिनपाल श्री बाल मुकुंदा।। (८)
दामोदर रण छोड़ बिहारी,