Hari Paath

Hari Paath की Power : आशीर्वाद और भक्ति का आह्वान

Hari Paath , एक संस्कृत शब्द है, जिसका अनुवाद “परमात्मा का मार्ग” या “परम सत्य की ओर यात्रा” है। इसमें पवित्र मंत्रों का बार-बार जप करना शामिल है, जो ब्रह्मांड और सभी जीवित प्राणियों के माध्यम से बहने वाली दिव्य ऊर्जा के साथ संबंध की गहरी भावना को जागृत करता है। Hari Paath दुनिया भर की विभिन्न आध्यात्मिक प्रथाओं में एक विशेष स्थान रखता है, जो सभी अस्तित्व की एकता पर जोर देता है।

आध्यात्मिक अभ्यास के क्षेत्र में, पवित्र छंदों और भजनों का पाठ गहरा महत्व रखता है। ऐसी ही एक श्रद्धेय रचना है “Hari Paath “, शक्ति, भक्ति और वफादारी के प्रतीक भगवान हनुमान को समर्पित एक भक्ति पाठ। इस शक्तिशाली अभ्यास ने लाखों लोगों के दिलों पर कब्जा कर लिया है, जो समय और स्थान से परे एक आध्यात्मिक यात्रा की पेशकश करता है।

Hari Paath का पता प्राचीन वैदिक परंपराओं से लगाया जा सकता है, जहां ऋषि और साधक उच्च चेतना प्राप्त करने के लिए मंत्रों का जाप करते थे। ऐसा माना जाता था कि यह अभ्यास मन, शरीर और आत्मा को शुद्ध करता है, जिससे अभ्यासकर्ताओं को प्रकृति के साथ गहन जागरूकता और सद्भाव की स्थिति मिलती है।

॥ श्री ज्ञानदेव हरिपाठ (Complete Lyrics) ॥
॥ एक ॥

देवाचिये द्वारीं उभा क्षणभरी । तेणें मुक्ति चारी साधियेल्या ॥१॥

हरि मुखें म्हणा हरि मुखें म्हणा।पुंण्याची गणना कोण् करी ॥२॥

असोनि संसारीं जिव्हे वेगु करी । वेदशास्त्र उभारी बाह्या सदा ॥३॥

ज्ञानदेव म्हणे व्यासाचिया खुणा । द्वारकेचा राणा पांडवांघरीं ॥४॥

॥ दोन ॥